हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, लखनऊ / रसूल की बेटी हज़रत फातिमा ज़हरा की शहादत के अवसर पर, आयतुल्लाह सैयद अली खामेनी के कार्यालय, दिल्ली ने इमाम बड़ा सिब्तैनाबाद, हज़रत गंज, लखनऊ में दो दिवसीय शोक सभाओ का आयोजन किया। इस सिलसिले की पहली मजलिस को जामिया नाजिमिया के निदेशक मौलाना सैयद फरीदुल हसन तकवी ने संबोधित किया।
मजलिस की शुरुआत कारी मासूम मेहदी द्वारा पवित्र कुरान के पाठ के साथ हुई। उसके बाद कार्यक्रम प्रसिद्ध नाजिम मौलाना अहमद रजा बिजनौरी, श्री मुहम्मद कोनेन नकवी और श्री हसनैन रिजवी के निर्देशन में संपन्न हुआ।
मौलाना सैयद फरीदुल हसन तकवी ने मजलिस को संबोधित करते हुए फातिमा ज़हरा की जीवनी के विभिन्न पहलुओं को स्पष्ट किया। और कहा कि हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स.अ.) रिसालत का हिस्सा है और महिलाओं के लिए रोल मॉडल हैं जब हज़रत मुहम्मद मुस्तफा (स.अ.व.व.) उनके पास जाते थे, तो अस्सलामो अलैके या अहललबैतुन्नबुवा कहकर सलाम करते थे।
मौलाना ने कहा कि इस्लाम के पैगंबर बीबी के अलावा कभी किसी के सम्मान में खड़े नहीं हुए। हज़रत फ़ातिमा ज़हरा जब भी उनकी सेवा में आती थीं, तो वे सम्मान में खड़े होते थे। मुसलमानों ने ऐसी महान बीबी के साथ इतनी क्रूरता से व्यवहार किया कि मानवता के इतिहास में कोई उदाहरण नहीं मिलता।
बैठक के अंत में, मौलाना ने हज़रत फातिमा ज़हरा (स.अ.) की शहादत की घटना सुनाई, जिसने ईमान वालों को बुरी तरह से रुलाया।
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